The Definitive Guide to वशीकरण मंत्र किसे चाहिए



वशीकरण मंत्र एक प्राचीन तकनीक है जिसका उपयोग व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति पर प्रभाव डालने के लिए किया जाता है। इन मंत्रों को सम्पूर्ण मान्यता के साथ पठाने या उच्चारण करने से, कहीं न कहीं असाधारण शक्तियां सक्रिय होती हैं जो दूसरे व्यक्ति को आपकी इच्छानुसार कार्य करने में प्रेरित कर सकती हैं। इन मंत्रों का उपयोग प्रेम, वशीकरण, विवाह, व्यापारिक सफलता, आर्थिक समस्याओं का समाधान आदि के लिए किया जाता है।

यह मंत्र व्यक्ति को आपके प्रति आकर्षित करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसके उच्चारण से, आप दूसरे व्यक्ति के दिल में अपने प्रति प्रेम और आकर्षण जगा सकते हैं।

विधि: शनिवार की रात को भैरव देव की पूजा करके उक्त मन्त्र से गुड़ को इक्कीस बार अभिमन्त्रित कर जिसे भी खिलाया जायेगा, वही साधक के वश में हो जायेगा।

धन और व्यापार: धन की समस्याओं और व्यापारिक मुद्दों के समाधान के लिए भी वशीकरण मंत्र का उपयोग किया जाता है। यदि आप व्यापार में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं या धन समस्याओं से पीड़ित हैं, तो आप वशीकरण मंत्र का उपयोग कर सकते हैं। यह आपको व्यापार में वृद्धि और आर्थिक संघर्षों से छुटकारा प्रदान करने में मदद कर सकता है।

यह मंत्र विवाह संबंधी मुद्दों के समाधान के लिए उपयोग किया जाता है। इसके उच्चारण से, आप विवाहित या विवाह करने वाले व्यक्ति को अपने वश में कर सकते हैं और उन्हें अपने साथ एक सम्बंध बनाने में मदद कर सकते हैं।

काला गोरा तोतला तीनों बसे कपार दुहाई कामिया सिंदूर की

अनुष्ठान की विधि: इसमें विशेष सामग्री जैसे सिंदूर, फूल, दीपक, या यंत्रों का उपयोग किया जाता है।

ध्यान दे : मोहन तिलक के प्रभाव का समय काल बहुत कम होता है जिसकी वजह से आप इसे check here ज्यादा समय तक नहीं कर सकते है.

ऐसी स्थिति में इसका प्रयोग करना आपको अलग से उर्जा देता है.

त्रीं त्रीं त्रीं हूं, हूं स्त्रीं स्त्रीं कामाख्ये प्रसीद स्त्रीं हूं हूं त्रीं त्रीं त्रीं स्वाहा

वशीकरण एक प्राचीन भारतीय तंत्र विद्या है, जिसका उपयोग किसी व्यक्ति को अपनी इच्छानुसार प्रभावित करने या नियंत्रित करने के लिए किया जाता है. हालांकि, यह एक संवेदनशील और विवादास्पद विषय है और इसका उपयोग नैतिक और कानूनी दृष्टिकोण से गलत माना जाता है.

इनके निरंतर प्रयोग से आपके अन्दर का तेज और आकर्षण इतना बढ़ जाता है की आप खुद हैरान रह जायेंगे.

कामाख्ये कामसंपन्ने, कामेश्वरी हर-प्रिया

हाथ पसारूं मुख मलूं, काची मछली खाऊं। आठ पहर चौसठ घड़ी, जग मोह घर जाऊं।।

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